1/17/2015

कुछ तो असर होगा तेरा





अजनबी थे बेहतर
सोचा करता था मगर

इतना सुकून कहाँ था
कुछ तो असर होगा तेरा
तेरा होने का.

कि स्थिर हुआ जाता है अब मन
व्यथित जो घूमता था कल तक
कुछ तो असर होगा तेरा
तेरा होने का.

ख्वाब के पंख थे
उड़ने की कोशिश में रहता था

मगर ख्वाब में जान अब आई है
पाँव टिकने को हैं अब जमीं पर
कुछ तो असर होगा तेरा
तेरा होने का

बेतरतीब सी जिन्दगी का मालिक था मै

रात-रात भर जगा करता था
मगर सुबह सोने का मतलब अब बनता है
कुछ तो असर होगा तेरा
तेरा नेह होने का..... 

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