4/25/2012

नई ऊर्जा: An encouraging Poem






कण-कण से हम बने हैं
कण-कण में ही बटना होगा 
लाख दुखों को दोष दें 
दुःख संग ही जीना होगा.

कोई हो  कसक या  उलझन 
उसे दुःख पे न थोपो तुम
हो कोई समस्या जीवन में
समाधान  तुम्हे ही बनना होगा
कण-कण से हम बने हैं
कण-कण में ही बटना होगा.

अगर है तन्हाई जीवन  में
दुनिया को नीरस  न बताओ  तुम 
दुनिया तो है चंचल 
चलती रहती अपने धुन में
तुम्हे अपने धुन में चलना होगा
मंजिल तक रमना होगा
कण-कण से हम बने हैं
कण-कण में ही बटना होगा.



पिपासा भरी पड़ी है तेरे अन्दर
वो तुम्हे खोने का ही अहसास कराती है 
खोया तमने कुछ  होगा,वो उसे बड़ा बताती है
पाया है तुमने जो बहुत कुछ
उसका ध्यान आप ही करना होगा
दुःख से हटकर खुद को  सुख से भरना होगा
कण-कण से हम बने हैं
कण-कण में ही बटना होगा.

सपने अधूरे हैं अगर तुम्हारे
स्वपर्निल संसार को दोष न दो
भ्रमित किया है इसने तुमको
कह कर,खुद को दोष मुक्त न करो
अगर  किया है गलती कुछ तुमने
साहस के साथ स्वीकार करना होगा
खुद को अच्छाई से भरना होगा
कण-कण से हम बने हैं
कण-कण में ही बटना होगा.

दुःख में वो दम कहाँ
जो तुम्हे तोड़ दे
दुःख तो है कमजोर साथी
हमें उव्देलित कर अपनी कमजोरी छुपाती है
सुख तो है शर्मीला साथी,अपनी पहचान छुपाती है
उसे मजबूत बना,खुद को मजबूत करना होगा
कण-कण से हम बने हैं
कण-कण में ही बटना होगा.

सिर्फ यही नहीं दर्शन  जीवन के
इसे तो बस एक छाया मानकर चलना होगा
दुनिया   तो   दर्शन   से  भरी  पड़ी
इसकी हर छटां, बिखेरती एक दर्शन नई
तुम्हे हर दर्शन को समझकर चलना होगा
खुद तुमको,एक जीवन दर्शन बनना होगा
खुद को नई ऊर्जा से बहरना होगा

कण-कण से हम बने हैं
कण-कण में ही बटना होगा.
Note-Part of artwork is borrowed from the internet ,with due thanks to the owner of the photographs/art

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