अन्ना ने जब लोकपाल माँगा
हम ने उन्हें खूब सराहा
सभी लेकर निकल पड़े झंडे
हम भी अन्शन करेंगे,खायेंगे डंडे
यूँ भी हम रोज मरते हैं
भूखे रह कर अन्शन ही करते हैं
दिल्ली जाकर अन्ना के अन्शन को बल देंगे
भारत को क्रप्शन मुक्त करेंगे
लगा क्रप्शन को उखड कर ही दम लेंगे
न्याय-नीति की बात करने वाले
मिड-डे-मील चुराने वाले अध्यापक हो
प्रोक्सी लगा कर बंक मरने वाले,
एग्जाम की रात पड़ने वाले विद्यार्थीगन
सभी ने जोर लगाया
अपने दामन पे लगे दाग निकलना चाहा
लोन पास करने के लिए 10% लेने वाले बैंक अधिकारी हो
200 रूपये लेकर बर्थ देने वाले टीटी हो
प्रक्टिकल में पैसे लेकर पास करते कोचिंग चलते साइंस टीचर हो
मोहर लगाने के लिए पैसे लेते चपरासी हो
रोज न आने वाले बी.डी.ओ बाबु हो
ऑफिस का चाहे कोई बाबु हो
सभी ने खूब जोर लगाया
अपने दामन पे लगे दाग निकलना चाहा
जब भी कोई ऑफिस जाओ
साहब नहीं आये है कल आना का जुमला सुनो
रोज-रोज आने का क्या झंझट पालोगे
जो पैसे भाड़े पे खर्च करोगे, मुझे दो
आपने परेशानी से बचो
साहब जब भी आयेंगे
हम तुम्हारा काम करवाएंगे
अरे कुछ गलत भी होगा
साहब को भी चना खिलाएंगे
आप निश्चिंत रहो,
घर पे जाओ, बच्चे के साथ समय बिताओ
ऑफिस के बाबु ने ऐसा समझाया
हमारी भुझी बत्ती जल उठी
तब हम न लड़े,अपनी परेशानी बचाई
अपनी पीढ़ी को क्रप्शन की बीमारी दे डाली
अब हमने भी खूब जोर लगाया
अपने दामन पे लगे दाग निकलना चाहा
राहुल हों या कपिल
सभी को तब संसद की मर्यादा याद आया
संसद में बैठ कर जो कल तक सोये थे
बेंच तोड़ रहे थे,एक दुसरे को गाली दे रहे थे
कोई संसद में बैठ पोर्न देख रहे थे
तब ये अर्जुन ,ध्रितराष्ट्र बने रहे
जब अन्ना ने लोकपाल माँगा
सब नींद से जग गए
सब ने एक स्वर में कहा
हम कानून बनायेंगे,जनता दूर रहे
हम हैं खाए पीये
जनता तो है भूखी नंगी
वो जब कानून बनाएगी संसद मैली न हो जाएगी
अन्ना ने जब लोकपाल माँगा
हम ने उन्हें खूब सराहा.
जब हमने संसद को चोर कहा
बल्त्कारी,धोखेबाज, घुसखोर कहा
सभी ने महसूस किया,कैसे वो बिदके
चोर की दाढ़ी में तिनका सभी ने पढ़ा होगा
जनता ने तब महसूस किया
संसद में भाषण गहराए
बहार वाले को लगता है
अन्दर सभी बुरे बैठे हैं
माना आप ईमानदार हो
आपने न कुछ बुरा देखा
आपने न कुछ बुरा सुना
आपने न कुछ बुरा बोला
आप गाँधी के तीनो बन्दर बने रहे
गाँधी को भूल गए
आपके साथी नेता खाते रहे
आप मन बहलाते रहे
आपनी पार्टी के टिकट पर
क्रिमनल,बल्त्कारी,खुनी
दबंग को संसद में लाते रहे
सच तो यही है सांसद चोर है
संसद मर्यादाविहीन है
अन्ना ने जब लोकपाल माँगा
तब भाजपा हो,चाहे कांग्रेस
चाहे गली छाप राजनितिक पार्टी हो
सभी ने खुद को पवित्र बताया
जनता बहकावे में है
अन्ना और उनके साथी में वो दम कहाँ
हम कानून बनायेंगे
अन्ना जैसे लोगों पर
संसद की मर्यादा पे नोटिश भिजवायेंगें
संसद अपना काम अपने तरीके से करेगी
महिला बिल लटकी रहेगी
संसद सांसदों का वेतन बढाने की कानून घंटे में पास करेगी
लोकपाल को सालों टला
इस बार भी टालेंगे
हम मजबूत लोकपाल लायेंगे
वादा ही तो करना है,वादा कारने में हम माहिर है
जनता रोजी- रोटी में उलझी थी
फिर उलझ जाएगी
संसद मजबूत लोकपाल लाएगी
अन्ना ने जब लोकपाल माँगा
हम ने उन्हें खूब सराहा
अगर देखें सभी अपने अंतर में
खुद में एक करप्ट को पाएंगे
और करप्ट क्या मजबूत लोकपाल लायेंगे
कैसे कैसे चोरी किया आपने
खुद ये समझ जाओगे
खुद को तब किस जेल में डालोगे
हम चोर है,हम चोर हैं
ये नारे क्या खुद के खिलाफ लगा पाओगे
हम सभी चोर हैं
सच यदपि कहना पड़े
खुद के खिलाफ यदि लड़ना पड़े
सच तो यही है,सभी रोटी खाने में ही जुटे रहे
देश को भ्रष्ठ हाथों में छोड़ कर
रोजी कमाने में उलझे रहे
अन्ना ने जब लोकपाल माँगा
हम ने उन्हें खूब सराहा
सभी लेकर निकल पड़े झंडे
हम भी अन्शन करेंगे,खायेंगे डंडे
यूँ भी हम रोज मरते हैं
भूखे रह कर अन्शन ही करते हैं
दिल्ली जाकर अन्ना के अन्शन को बल देंगे
भारत को क्रप्सन मुक्त करेंगे
Note-Part of artwork is borrowed from the internet ,with due thanks to the owner of the photographs/art