सुंदर तन सुन्दर मन
और तो और
ओढ़ ली हो जैसे
मुस्कुराहट का आंचल
लगती हो कोई परी
आखें खुली हो या बंद
मिलती रहती हो हर कहीं
ऐसा लगता है तुम हो हकीकत
चाहता हु जब स्पर्श तेरा
बदल लेती हो अपना बसेरा
तुम क्या हो समझ नही पता हूँ
हो हकीकत या कोई परी
रास्ते तो बहुत है
तेरे पास पहुचने का
तेरे पास पहुँचता हूँ वैसे
जैसे सीसे के उस पार तुम हो
इस पर मै खड़ा हूँ
देखता हूँ तुमको टकटकी लगा
बोलना चाहता हूँ
मै हूँ अधुरा
तुझे मेरे हिलते होठ दिखते होंगे
मेरे शब्द तेरे कानों तक पहुचने से पहले
दम तोड़ देते हैं
मेरी बेबसी पर ततछन
ओढ़ लेती हो तुम
मुस्कुराहट का आंचल
मै हो जाता हूँ पूरा .
और तो और
ओढ़ ली हो जैसे
मुस्कुराहट का आंचल
लगती हो कोई परी
आखें खुली हो या बंद
मिलती रहती हो हर कहीं
ऐसा लगता है तुम हो हकीकत
चाहता हु जब स्पर्श तेरा
बदल लेती हो अपना बसेरा
तुम क्या हो समझ नही पता हूँ
हो हकीकत या कोई परी
रास्ते तो बहुत है
तेरे पास पहुचने का
तेरे पास पहुँचता हूँ वैसे
जैसे सीसे के उस पार तुम हो
इस पर मै खड़ा हूँ
देखता हूँ तुमको टकटकी लगा
बोलना चाहता हूँ
मै हूँ अधुरा
तुझे मेरे हिलते होठ दिखते होंगे
मेरे शब्द तेरे कानों तक पहुचने से पहले
दम तोड़ देते हैं
मेरी बेबसी पर ततछन
ओढ़ लेती हो तुम
मुस्कुराहट का आंचल
मै हो जाता हूँ पूरा .
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