बखरे तिनके को जोड़कर ,
चिड़ियाँ घर बनती है,
परिश्रम के बल पर ,
घर को सजाती है,
जीवन के हर कष्ट को झेल कर ,
खुशी पूर्वक गुण-गुनती है,
शर्दी, गर्मी, और सरद ,
अपने सुनहरे पंख ,
लहराती है.
ऊँचे आकाश में सदा,
उड़ने की तमना,उसके
आँखों में नजर आती हैं.
Note-Part of artwork is borrowed from the internet ,with due thanks to the owner of the photographs/art
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