निकल कर इस दुनिया से ,
नई दुनिया बनाओ
ऊँचे ऊँचे सपने आँखों में बसाओ
आगे बढ़ते जाओ .
रह में पड़े पत्थर को
लाँघ कर पर कर लो
जीवन को बढाओ
आगे बढ़ते जाओ .
जिसमे हो सबकी ख़ुशी
वो कम कर दिखलाओ
अँधेरे में दीपक जलाओ
आगे बढ़ते जाओ .
निराश न हो जीवन से
दुःख से आंख मिलाओ
हँस कर दुःख भगाओ
आगे बढ़ते जाओ.
आँखों में भर लो अंगारे
जिसे देख दुश्मन भागे
क्रांति की मशाल जलाओ
आगे बढ़ते जाओ.
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