11/01/2015

उम्मीद



बार-बार ठुकराये जाने को मै
चले आता हूँ तेरे पास प्रिये ,
तुम झिड़क देती हो ,चला जाता हूँ मै
मुझे मेरा खो जाना है स्वीकार प्रिये.

अपने आप को समर्पित कर जाने को मै
अपना जीवन उपहार लिए आता हूँ मै
दर्द पाने को बारम्बार प्रिये
अपना कल मुझे खो जाना है स्वीकार प्रिये .

आंखे मूंद तुझे पाने को मै
तेरे पीछे बेतहासा भागा आता हूँ,
ठोकर खा कर गिर जाने जाने को बार-बार प्रिये
अपना समूल नष्ट हो जाना है स्वीकार मुझे .

दिल का एक कोना अँधेरे में है
उस कोने में डूब जाना स्वीकार मुझे,
बार-बार ठुकराये जाने को मै
चले आता  हूँ तेरे पास प्रिये. 

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