9/01/2016

अजनबी मुलाकात

कोई कोई अजनबी मुलाकात हो जाये
कोई लम्हा आकर मुझसे कहे
तुम्हे देखु मन मचले दिल वही ठहर जाये
तुम्हारे पैरों की थापथपहत मेरी धड़कनो को आवाज दे
कोई ऐसी अजनबी मुलाकात हो जाये।

कोई ऐसी अजनबी मुलाकात हो जाये।
मेरे अंदर जो आग है वो दफ़न  न हो
तुम्हारे अंदर की शीतलता  बनी रहे
मुझे तपिस मिले तुम्हे नमीं मिले
कोई ऐसी अजनबी मुलाकात हो जाये।

रंगों का उतावलापन मुझ में दीखता रहे
कुछ न बदले न तुम्हारा रंग न  मेरा रंग
जमाना भी वहीँ सिमटा रहे
कुछ हलचल न हो
मेरा मिटना बस बढ़ता रहे
तुम्हारा मिटना बस बढ़ता रहे
हमारा बनना बस चलता रहे
कोई ऐसी अजनबी मुलाकात हो जाये।
 हो जाये
कोई लम्हा आकर मुझसे कहे
तुम्हे देखु मन मचले दिल वही ठहर जाये
तुम्हारे पैरों की थापथपहत मेरी धड़कनो को आवाज दे
कोई ऐसी अजनबी मुलाकात हो जाये।

कोई ऐसी अजनबी मुलाकात हो जाये।
मेरे अंदर जो आग है वो दफ़न  न हो
तुम्हारे अंदर की शीतलता  बनी रहे
मुझे तपिस मिले तुम्हे नमीं मिले
कोई ऐसी अजनबी मुलाकात हो जाये।

रंगों का उतावलापन मुझ में दीखता रहे
कुछ न बदले न तुम्हारा रंग न  मेरा रंग
जमाना भी वहीँ सिमटा रहे
कुछ हलचल न हो
मेरा मिटना बस बढ़ता रहे
तुम्हारा मिटना बस बढ़ता रहे
हमारा बनना बस चलता रहे
कोई ऐसी अजनबी मुलाकात हो जाये।

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