4/30/2012

"कितने अच्छे लगते हैं "

पेड़ झूमते
लोग झूमते
मोर नाचते 
गायक गाते
कितने अच्छे लगते हैं
हरयाली पेड़ की श्रृंगार
मस्ती लोगों की शान
सुनहरे पंख मोर के
कंठ सुनहरे गायक के
मन को भाते
कवि पढ़ते कविता 
गायक सुनते गाना
लगते कितने अच्छे 
मन को भाते
बच्चे की तोतली  बोली
कोयल की मधुर कुंक 
कौआ की काऊं-काऊं
मेढक की टर-टर
जीवन में संघर्ष 
मन का प्रेम
सुबह  की ठंढक
रत की अन्धेली 
चंद्रमा की रोशनी 
सूर्य की गर्मी
टीचर  के गुस्से 
सोचते बच्चे 
कितने अच्छे लगते हैं.
Note-Part of artwork is borrowed from the internet ,with due thanks to the owner of the photographs/art

2 टिप्‍पणियां:

ravi ने कहा…

bakbas....!

VIKRAM PRASHANT ने कहा…

Thanks...bro
pls give some suggestion.